ग्रैंड मस्ती, रागिनी एमएमएस-2 और बीए पास जैसी तीन फिल्मों की एकमात्र समानता यह है कि इन तीनों को सेंसर बोर्ड से 'ए' यानी एडल्ट सर्टिफिकेट मिला। तीनों ही फिल्मों में कलाकारों अधकचरा और बचकाना अभिनय रहा। बिल्कुल नए या फिर चुक गए अभिनेता-अभिनेत्रियों वाली ये फिल्में अपनी लागत से कई कई गुना ज्यादा कमाई करने वाली फिल्में बनीं।
यदि 2013 में रिलीज हुई बीए पास का किस्सा लें तो महज डेढ़ करोड़ लागत से बनी यह फिल्म 10 करोड़ कमाने में सफल रही। फिल्म में शिल्पा शुक्ला लीड एक्ट्रेस थीं जिन्हें बहुत जोर देने से याद पड़ता है कि इन्हे शाहरुख की फिल्म 'चक दे इंडिया' में देखा गया था। फिल्म चली तो सिर्फ अपने वयस्क विषय सामग्री की वजह से।
हां यह अलग बात रही कि फिल्म को आलोचकों ने उसके विषय की वजह से भी सराहा। यही कहानी सेक्स कॉमेडी फिल्म ग्रैंड मस्ती की भी है। तीन फ्लॉप और इंडस्ट्री से लगभग बाहर हो चुके कलाकारों को लेकर बनाई गई ग्रैंड मस्ती ने 120 करोड़ कमाए।
फिल्म का प्रचार न के बराबर किया गया फिर भी यह फिल्म सिर्फ माउथ पब्लिसिटी की बदौलत चली। अब इस फिल्म की सीक्वल फिल्म बन रही है। और रागिनी एमएमएस-2 की हीरोइन के पास आज 5 बड़ी फिल्में हैं और वह इंडस्ट्री की व्यस्त अभिनेत्रियों में शामिल हो चुकी हैं।
एक जमाना था कि निर्माता-निर्देशक इस बात से कतराते थे कि उनकी फिल्म को 'ए' सर्टिफिकेट मिल जाए. लेकिन फिल्म इंडस्ट्री में पिछले कुछ सालों से यह ट्रेंड देखने में आ रहा है कि यदि कोई फिल्म अपने एडल्ट होने की वजह से चर्चाओं में आती है तो बुरी से बुरी फिल्म नुकसान में ना जाकर फायदा कमा लेती है। समीक्षकों की खूब सारी आलोचना के बावजूद।
बहुत पीछे न जाकर 2013
से ही इस ट्रेंड पर गौर करें। 2013 में जितनी भी फिल्में एडल्ट सर्टिफिकेट
के साथ आईं वह फ्लॉप नहीं हुईं। भट्ट कैंप की फिल्म मर्डर-3 को ही लें।
बेहद औसत कहानी वाली यह फिल्म अपनी लागत से तीन गुना कमाई कर गई।
फिल्म
के साथ यदि कुछ था तो सिर्फ भट्ट कैंप के पारंपरिक एडल्ट फिल्म का ठप्पा।
11 करोड़ की लागत से बनी इस फिल्म ने 30 करोड़ से अधिक सिर्फ टिकट खिड़की
से कमाए। म्यूजिक राइट, टीवी राइट्स आदि बेचने से जो कुछ मिला हो वह अलग।
एकता कपूर इस खेल की बड़ी खिलाड़ी
एडल्ट फिल्मों के कारोबार में एकता कपूर एक बड़ी खिलाड़ी बनकर उभरी हैं। कॉमेडी और रोमांटिक फिल्मों में सेक्स से जुड़ी द्विअर्थी बातें करने का ट्रेंड फिल्मों में सालों से रहा है लेकिन एकता ने हॉलीवुड की तर्ज पर एक सेक्स कॉमेडी नाम का एक नया ट्रेंड हिंदी फिल्मों में भी विकसित किया, इस पर उन्होंने एक के बाद एक कई फिल्में बनाईं।
क्या कूल हैं हम, क्या सुपर कूल हैं हम जैसी फिल्में बेहद बचकानी थी। अव्वल इनके कलाकार तुषार कपूर और रितेश देशमुख जैसे लुटे-पिटे हीरो थे बावजूद इसके ये फिल्में अपनी लागत की तुलना में बहुत अच्छा कारोबार करने में सफल रहीं। अब इन फिल्मों के सीक्वल भी प्लान हो चुके हैं।
रागिनी एमएमएस के बाद
रागिनी एमएमएस-2 ने एकता की इस धारणा को मजबूत किया कि एडल्ट फिल्में
कितनी भी खराब क्यों न हों ये फिल्में पिटती नहीं हैं। सनी लियोनी को लेकर
रागिनी को लेकर बनाई गई रागिनी एमएमएस-2 की कमाई तो कई निर्देशकों को यह
शार्टकट दिखाती है। फिल्म प्रमोशन सहित 18 करोड़ की लागत से बनी थी जबकि
इसकी कमाई रही लगभग 90 करोड़।
इस फिल्म ने एकता कपूर का बैंक बैलेंस तो बढ़ाया ही इसने रातों-रात सनी लियोनी को स्टार भी बना दिया।
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